मुंबई की सामाजिक संस्था अखिल मुंबई जायसवाल युवा मंच के द्वारा जीएसटी पर एक सेमिनार का आयोजन अंधेरी में स्थित गोयनका हॉल में किया गया। इस सेमिनार में जायसवाल समाज के उद्योगपति,नौकरी पेशा, स्टूडेंट व महिलाओं को भारत सरकार के नए अप्रत्यक्ष कर से अवगत कराया गया। परम्परानुसार कार्यक्रम की शुरुवात भगवान सहस्त्रार्जुन जी की आरती से की गयी। इसके उपरांत चार्टेड अकाउंटेंट जीतेन्द्र कलवार,अनुज जायसवाल, रामानंद जायसवाल,विजय गुप्ता ने पावर पॉइंट की सहायता से जीएसटी के तकनीकि पक्षों पर व्याख्यान दिए। जिसमें विभिन्न वस्तुओं व सेवाओं पर जीएसटी दर, देशी उत्पादकों व उपभोगताओं को होनेवाले लाभ, टैक्स इनवॉइस बनाने की प्रक्रिया,ऑडिट का प्रावधान व पंजीयन प्रक्रिया को श्रोतागण को समझाया। जीएसटी के एक्सपर्ट पैनल के द्वारा इस नयी कर प्रणाली को उपभोगता अनुकूल बताते हुए 'मेक इन इंडिया' को सफल बनाने में सहायक माना। साथ ही में, सभी से अपील की कि व्यापार में किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्यप्रणाली को नकारते हुए जीएसटी प्रणाली को सफल बनायें। उपस्थित श्रोतागण में से कुछ सवालों के समाधान भी बताये गए। इसके उपरांत सत्कार कार्यक्रम किये गए। मंच संचालन कर रहे दिनेश गुप्ता ने सभी स्पीकर्स के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के विशेष अतिथि राजेश कुमार ने युवा मंच के कार्यों से प्रभावित होकर उनकी पत्नी श्रीमती शैलेजा कुमार के हाथों २१ हजार रुपये का अनुदान आयोजक संस्था को दिया। आयकर विभाग से जुड़े कुमार राजीव प्रसाद विश्वनाथ जायसवाल जी भी इस सेमिनार में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने जीएसटी जैसे जरुरी विषयों पर सेमिनार आयोजन को एक जागरूक कदम बताया। जायसवाल समाज के युवाओं को शिक्षा और सामाजिक सहभागिता से एक शिक्षित समाज निर्माण के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में मंच के संरक्षक लालचंद गुप्ता जी ने अखिल मुंबई जायसवाल युवा मंच के पच्चीस वर्ष के उपलब्धियों को बताया। मंच के द्वारा आगामी दिसम्बर में आयोजित होनेवाले सिल्वर जुबली कार्यक्रम की भी जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर काम करनेवाली स्वजातीय संस्था भारतीय कलचुरि जायसवाल समवर्गीय महासभा के कार्यकलापों से भी उपस्थित जायसवाल परिवारों को अवगत कराया। संघर्षपूर्ण इतिहासवाले जायसवाल समाज के सशक्त वर्तमान को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने के लिए हम सभी को समाजहित में काम करते रहना होगा ऐसा लालचंद गुप्ता जी ने आह्वान किया। भगवान सहस्त्रार्जुन जी के जयकार के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गयी।